हे द्रौपदी तुम कौन हो?
हे द्रौपदी तुम बीता काल हो,
या वर्तमान में छलकता हाल हो?
तुम वसुधा पर जन्मी स्त्री हो,
या अनंतकाल तक नारी का चरित्र हो?
हे द्रौपदी तुम कौन हो?
चौसर में हारी आज भी कोई दासी हो,
या कुरुक्षेत्र के रणवीरों कि पटरानी हो?
आज भी पुरुषों की मनमानी हो,
या दुशासन की लहू लपेटी स्वाभिमानी हो?
हे द्रौपदी तुम कौन हो?
हस्तिनापुर के सिंहासन की अधिकारी हो,
या आज के दरिंदो की रौंधी हुई कहानी हो?
क्या पांडवो की आंन पांचाली हो?
या निर्भया जैसी बिती कहानी हो?
हे द्रौपदी तुम कौन हो?
गांडीवधारी ने जीता हो स्वयंवर में वैसी तेजस्विनी हो,
या किया हो अपमान जिसका अंग राज ने वो अभागीन हो?
कर दिया हो ऋणी जिसने कृष्ण को, वो महारानी हो,
या हर लिया हो दुशासन ने वस्त्र जिसका वो बेहाली हो?
हे दौपदी तुम बीती कहानी हो,
या कलयुग में वासना की शिकार कोई अबला नारी हो?
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